उस दिन जो बीज तुमने बोया था,
मेरे मन की क्यारी मैं.
वह आज तक महक रहा है यादों की फुलवारी में.
यह अलग बात है,
आज न में रही न हे तुम
दोनों हे भीड़ में खो गए
भले हे आज हम गेर हो गए.
लेकिन वह फूल आज भी तरोताजा है
उतना ही प्यार समेटे है अपनी पन्खुदिओं में
जितना उस दिन तुम्हारी आंखों में था.
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