A FB stattus from one of my friend........good one
मुझे याद हैं वो रास्ते जो लेट जाते थे ज़मीन पर, जब हम चला करते थे।
मुझे याद हैं वो पेड़ जो अपनी छाँव फैलाते थे, जब उनकी गोद में हम सोया करते थे।
मुझे याद है वो समंदर जिनकी लहरों ने हमारे आंसू पी लिए, जब हम रोया करते थे।
मुझे याद हैं वो पत्थर जिन्होंने हमारा हर राज़ जाना है, कभी अपनी जुबान नहीं खोली।
मुझे याद है वो हवा जो मेरा पैगाम तुम तक पहुचाया करती थी।
... मुझे याद हैं वो बादल, जो अपनी बारिश में हमारे सारे गम ले गए।
मुझे याद हैं वो फूल, जो मेरे कहने पर अपनी ख़ूबसूरती तुम्हे दे गए।
अब तुम मेरे पास नहीं हो . . मेरे साथ नहीं हो . .
तो रास्ते, पेड़, समंदर, बादल, फूल, पत्थर, हवा . . . सब अजनबी से लगते है . . . .
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