यहाँ सब कुछ बिकता है ,
दोस्त रहना ज़रा संभल के   .... 
बेचने वाले हवा भी बेच देते हैं ,
गुब्बारों में डाल के   .... 
सच बिकता है , झूट बिकता है ,
बिकती है हर कहानी   … 
तीन लोक में फैला है ,
फिर भी बिकता है बोतल में पानी   .... 
कभी फूलों की तरह मत जीना ,
जिस दिन खिलोगे , टूट कर बिखर जाओगे   .... i
जीना है तो पत्थर की तरह जियो  .... 
जिस दिन तराशे गए , खुदा बन जाओगे  …।
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------By Harivansh Rai Bachhan...
 
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