Friday, November 12, 2010

Sher -O-Shari....

ज़िन्दगी की राह में आगे चलते जाना हर पल,
मुड़ के ना देख बीते हुए पल
जो नहीं था तेरा तुझे नहीं मिला
जो मिल गया उसके साथ गुज़ार अपना हर पल

-----------------------------------------------
हम फिर बेवफा से रिश्ता बना  बैठे ,
फिर उनकी सादगी से धोका खा बैठे ,
पत्थर से है तालुकात अपना,
फिर भी शीशे का घर बना बैठे !!
-----------------------------------------------

No comments: